-शिव महिमा अपरंपार
–शत्रुंजय तिवारी
जून जुलाई 2024, वर्ष-1 अंक-3
तीर्थ यात्रा और देव दर्शन का महत्व व आनंद उस वक्त दुगुना हो जाता है,जब परिवार साथ हो
एक बार बरसों पहले नासिक घूमने और त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन की योजना बनी और हम सब निकल पड़े हावड़ा-मुंबई मेल से, मां-बाबूजी, दीदी-जीजाजी व बच्चों सहित पूरे ११ लोग और टीम के कप्तान मैं और पत्नी उप कप्तान..
सुबह सुबह नासिक पहुंचे। तब न कैब,न ओला और ना ही मोबाइल का जमाना था,क्षतीन अलग-अलग ऑटो करके होटल बड़ी मुश्किल से पहुंचे, क्यूंँकि बाबूजी और हम दो बच्चों का ऑटो अलग दिशा में भटक चला था..
देवभूमि का वातावरण और सुंदरता अलग ही होती है…पवित्र, श्रद्धा से भरपूर।
नासिक के गोदावरी घाट को भी श्राद्ध पूजा के लिए प्रयागराज, हरिद्वार की तरह ही पवित्र व उपयुक्त माना जाता है, आसपास के गांव/शहर के लोग यहाँ पिंड दान करते देखे गए।
हमने गोदावरी नदी में स्नान-ध्यान कर बाकी मंदिरों के दर्शन भी किए जिसमें प्रमुख कालाराम जी का मंदिर, पंचवटी, सीता गुफा इत्यादि थे।
दूसरे दिन सुबह सुबह त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए हम सब निकले।
सावन का महीना चल रहा था इसलिए चहुंओर भीड़ व्याप्त थी, पहाड़ों के बीच मंदिर का दृश्य बेहद आनंदमय और मनोरम था।
भीड़ होने की वजह से लाइन काफी लंबी थी, बच्चे उकताहट में कहने लगे देखो ना पापा कुछ लोग लाइन तोड़कर जा रहे, मैंने समझाया बेटा नियम व श्रद्धा से चलोगे तो शिव जी बेहद प्रसन्न होते हैं..
तीन घंटे की मशक्कत के बाद पूरा परिवार बेहद आनंदित था,शिवलिंग के दर्शन लाभ से।
हम सब बाकी सभी मंदिरों के दर्शन करके वापस दुर्ग जाने के लिए रात आठ बजे नासिक रेलवे स्टेशन पहुंँचे..
अब हम सबके साथ समस्या ये थी कि हम पूरे ग्यारह और कन्फर्म रिजर्वेशन दो..बाकी वेटिंग में।
कन्फर्म हुआ,बार बार पूछने पे टिकट बाबू ने तो भगा ही दिया। बोलने का न -नहीं होगा,नहीं होगा
सब परेशान थे,बेटी ने तो बड़ी मायूसी से कहा पापा क्या अब हम सबको टॉयलेट के सामने बैठ कर जाना पड़ेगा..
मैने कहा बेटा अब प्रार्थना करो शिव जी की कृपा खाली नही जाती।
फिर बेटी ने लगातार हे शिव जी कृपा कीजिए, कृपा कीजिए ॐ नमः शिवाय का जाप करती रही, मैं उसे देखता ही रहा उतने में जीजाजी आए बोले सब खुश हो जाओ लिस्ट आ गई और सारी सीट कन्फर्म हो गई
इतना सुनते ही बेटी खुशी से झूम उठी बोली देखा मैंने प्रार्थना किया शिव भगवान जी तुरंत मान गए..
मेंने कहा – हां बेटा सच्चे दिल से मांगो तो शिव जी कभी मायूस नहीं करते देते जरूर हैं, और हम सब देव दर्शन कर सकुशल अपने घर पहुंच गए।
बेटी आज भी बोलती मम्मी पापा आप लोग तो दूर हो, मुझे जब जब तकलीफ़ या किसी चीज की कमी होती है तो मैं कभी चिंता नही करती क्यूँ कि मेरे शिव जी मेरे पास सदा होते हैं..
-शत्रुंजय तिवारी
प्लॉट 18,सड़क 4,विवेकानंद नगर दुर्ग(छग)
मोब– 9407986293