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Archive

गंगा- कैसे रहे अविरल और निर्मल

शिप्रा खरे अध्यक्ष, कपिलश फाउंडेशन मुख्य संपादक- विहंगम, डायरेक्टर– KSSS Pvt Ltd विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 गंगा, भारत की पवित्रतम नदियों में से एक,… Read More »गंगा- कैसे रहे अविरल और निर्मल

एक गठबंधन पर्यावरण से

सम्पादकीय- श्री अलंकार रस्तोगी विहंगम, अप्रैल मई 2024, वर्ष-1 अंक- 2 विहंगम मात्र एक पत्रिका ही नहीं है यह साहित्य और समाज के उत्थान के… Read More »एक गठबंधन पर्यावरण से

राष्ट्रदेव के आराधन में

– व्यग्र पाण्डे राष्ट्र देव के आराधन में करें समर्पण सर्वस्व अपना रहे सुरक्षित देश हमारा रहा सदा से सपना अपना पूरव-पश्चिम उत्तर-दक्षिण सीमाओं पर… Read More »राष्ट्रदेव के आराधन में

कपिलश

-एन पी पाठक अभाषित  कपिलश  अंतर्राष्ट्रीय  मंच, अप्रत्याशित  आयोजन। सप्त   दिवसीय   काव्य  पाठ,  अनवरत  संयोजन। छोटी काशी महाकुंभ,गोलागोकर्णनाथ समायोजन। विश्व कीर्तिमान,अप्रतिम  उपलब्धियों का  प्रयोजन।१ अति… Read More »कपिलश

हालात बुरे हों तो बचाता नहीं कोई

-रवींद्र श्रीवास्तव ‘रवि’ तक़दीर के लिक्खे को मिटाता नहीं कोई। हालात बुरे हों तो बचाता नहीं कोई।। १ माना कि बुराई भी भले लाख थी… Read More »हालात बुरे हों तो बचाता नहीं कोई

गीत

–प्रो.विश्वम्भर शुक्ल विधु की मृदुल रश्मियों के सँग अगम समंदर नहा गया है, अँधियारे कोने में संचित तिमिर  हृदय का बहा गया है ! भूली… Read More »गीत

मुंशी प्रेमचंद जी की कुर्सी

–डॉ. मुकेश ‘असीमित ‘ मैं निठल्ला सा मुखपोथी ,मेरा मतलब फेसबुक की दीवारों को आवारा आशिक की तरहा छेड़ रहा था की एक पोस्ट पर… Read More »मुंशी प्रेमचंद जी की कुर्सी

सी.एच.बी. सहायक प्राध्यापक

-रामेश्वर वाढेकर ‘संघर्षशील’  बचपन से मेरा एक ही सपना था कि मुझे सीनियर कॉलेज में सहायक प्राध्यापक बनना है। इसलिए मैं परिवार को छोड़कर कई… Read More »सी.एच.बी. सहायक प्राध्यापक