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Archive

लालन-पालन

–अनूप सक्सेना  जबलपुर विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 बच्चे होते हैं मनभावन,मन को करते हैं वह पावन।कर्मठ होना हमें सिखाते,संयम का भी पाठ पढ़ाते।। अनुशासित… Read More »लालन-पालन

कहना मानें

सन्त कुमार वाजपेयी ‘सन्त’ वरिष्ठ साहित्यकार, गोला गोकर्णनाथ, खीरी लू ने हाहाकार मचाया। है अपना आतंक जमाया।। दूभर हुआ निकलना घर से। अन्दर बैठे इसके… Read More »कहना मानें

हमने बचपन में देखा था

–लेखा वर्मा, गाज़ियाबाद विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 हमने बचपन में देखा था,प्रकृति का सौम्य रूप,कलकल करती नदियाँ थीं,स्वच्छ जल से भरपूर।बहती थीं मर्यादा मेंउफ़ान… Read More »हमने बचपन में देखा था

दोहे : नवरात्रि पर विशेष

-माणक तुलसीराम गौड़ विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 1 हॅंसते हॅंसते आज ही, माता  आई द्वार। नवरात्रि शुभ पर्व है, माँ का हो सत्कार।।    2… Read More »दोहे : नवरात्रि पर विशेष

मनहरण घनाक्षरी

अभय कुमार आनंद पूर्व सेना अधिकारी, साहित्यकार, लखनऊ विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 पीले-पीले पुष्प-पट,तन सरसों लिपट,लेता दिखे करवट, हँसता बसंत है।कली हँसे डाल-डाल,अलि करता… Read More »मनहरण घनाक्षरी

ये जिंदगी भी बस

स्मृति सिंह, असि. प्रोफ़ेसर आर्य कन्या महाविद्यालय, हरदोई विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 ये जिंदगी भी बस, बस सी हो गई है। खड़खड़ाती, हिचकोले खाती,… Read More »ये जिंदगी भी बस

हवा गरमाने लगी है

श्रीकान्त तिवारी “कान्त” वरिष्ठ साहित्यकार गोला गोकर्णनाथ, खीरी विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 सूर्य के माथे पर बल हैं, छांव अकुलाने लगी है। हवा गरमाने… Read More »हवा गरमाने लगी है

प्रकृति  का ताण्डव रोकें पेड़ लगाएं

–भॅवरलाल कुमावत (स्टेट अवार्ड टीचर) प्रधानाध्यापकमातु श्रीमती रूकमाबाई रणछोड़ सिंह राजपुरोहित राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय, मोहराई, राजस्थान। विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 सूरज… Read More »प्रकृति  का ताण्डव रोकें पेड़ लगाएं

सूर्य आत्मा है

ज्योतिष गुरु ओझा अरविंद लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश मो. न.- 9919399723 विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य के शरीर में जो… Read More »सूर्य आत्मा है

नकल प्रकरण का हो भंडाफोड़

-छगन लाल व्यास   विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 वैसे सरकारी नौकरी में जिसका एक बार चयन हों जाता है वह चैन की नींद ही… Read More »नकल प्रकरण का हो भंडाफोड़

गंगा- कैसे रहे अविरल और निर्मल

शिप्रा खरे अध्यक्ष, कपिलश फाउंडेशन मुख्य संपादक- विहंगम, डायरेक्टर– KSSS Pvt Ltd विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 गंगा, भारत की पवित्रतम नदियों में से एक,… Read More »गंगा- कैसे रहे अविरल और निर्मल

छोटी बेगम

बेनीराम “अंजान” वरिष्ठ साहित्यकार, गोला गोकर्णनाथ विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 अंग्रेजों का जमाना था। देश में चारों ओर गुलामी का बोलबाला था। सरकार और… Read More »छोटी बेगम

मिलियन डॉलर स्माइल

-रेनू गुप्ता, जयपुर विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 “हैपी बर्थडे टू यू…हैपी बर्थडे टू यू…!” पार्श्व में बजते इस संगीत के मध्य मीतू अपनीमाँ को… Read More »मिलियन डॉलर स्माइल