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मेरी जबानी, गोला की कहानी

-डॉ. साधना अग्रवाल “साधिका” -विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 उस घड़ी मुझे लगा कि आसमान चूम लूँ।  निज धरा से उस गगन की सारी राह… Read More »मेरी जबानी, गोला की कहानी

सम्पादकीय: सितम्बर-अक्टूबर 2024

विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2 सम्पादकीयहम भारत देश के राज्य उत्तर प्रदेश के जिले लखीमपुर खीरी के एक छोटे से कस्बे गोला गोकरण नाथ में… Read More »सम्पादकीय: सितम्बर-अक्टूबर 2024

राष्ट्रदेव के आराधन में

– व्यग्र पाण्डे राष्ट्र देव के आराधन में करें समर्पण सर्वस्व अपना रहे सुरक्षित देश हमारा रहा सदा से सपना अपना पूरव-पश्चिम उत्तर-दक्षिण सीमाओं पर… Read More »राष्ट्रदेव के आराधन में

कपिलश

-एन पी पाठक अभाषित  कपिलश  अंतर्राष्ट्रीय  मंच, अप्रत्याशित  आयोजन। सप्त   दिवसीय   काव्य  पाठ,  अनवरत  संयोजन। छोटी काशी महाकुंभ,गोलागोकर्णनाथ समायोजन। विश्व कीर्तिमान,अप्रतिम  उपलब्धियों का  प्रयोजन।१ अति… Read More »कपिलश

हालात बुरे हों तो बचाता नहीं कोई

-रवींद्र श्रीवास्तव ‘रवि’ तक़दीर के लिक्खे को मिटाता नहीं कोई। हालात बुरे हों तो बचाता नहीं कोई।। १ माना कि बुराई भी भले लाख थी… Read More »हालात बुरे हों तो बचाता नहीं कोई

गीत

-प्रो.विश्वम्भर शुक्ल विधु की मृदुल रश्मियों के सँग अगम समंदर नहा गया है, अँधियारे कोने में संचित तिमिर  हृदय का बहा गया है ! भूली… Read More »गीत