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मुंशी प्रेमचंद जी की कुर्सी

-डॉ. मुकेश ‘असीमित ‘ मैं निठल्ला सा मुखपोथी ,मेरा मतलब फेसबुक की दीवारों को आवारा आशिक की तरहा छेड़ रहा था की एक पोस्ट पर… Read More »मुंशी प्रेमचंद जी की कुर्सी

सी.एच.बी. सहायक प्राध्यापक

-रामेश्वर वाढेकर ‘संघर्षशील’  बचपन से मेरा एक ही सपना था कि मुझे सीनियर कॉलेज में सहायक प्राध्यापक बनना है। इसलिए मैं परिवार को छोड़कर कई… Read More »सी.एच.बी. सहायक प्राध्यापक

मीनाक्षी

-नन्दलाल मणि त्रिपठी पीताम्बर धर्म राज अपने पहले चरण की पृथ्वी यात्रा पूर्णकरने के उपरांत कैलाश भगवान शिव के सेवार्थ प्रस्तुत हुये और प्रथम चरण की… Read More »मीनाक्षी

अंतरराष्ट्रीय भविष्य

-नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गणित ज्योतिष का आधार है चाहे रावण संहिता हो भृगु संहिता हो, भविष्य पुराण हो या बृहद पराशर होरा मुहूर्त चिंतामणि… Read More »अंतरराष्ट्रीय भविष्य

समयकाल के चलते लोकोक्तियाँ / कहावतें / मुहावरोंमें शब्दों के बदलते स्वरूप

-गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’ जैसा हम सभी जानते हैं कि विशेष अर्थ प्रकट करने वाले वाक्यांश को ही हम सभी ‘मुहावरा’ कहते हैं। हालाँकि… Read More »समयकाल के चलते लोकोक्तियाँ / कहावतें / मुहावरोंमें शब्दों के बदलते स्वरूप

देव दीपावली : देवताओं का पर्व

-आकांक्षा यादव मानव जीवन में प्रकाश की महत्ता किसी से छुपी नहीं है। दुनिया के कई देशों में भिन्न-भिन्न रूपों में प्रकाश-पर्व मनाये जाते हैं।… Read More »देव दीपावली : देवताओं का पर्व

सम्पादकीय- अगस्त 2024

-यतीश चन्द्र शुक्ल सम्पादकीय प्रिय पाठकों, वर्षा की इस ऋतु में जब चारों ओर प्रकृति अपनी अनोखी छटा बिखेर रही है, हमारे हृदयों में राधा… Read More »सम्पादकीय- अगस्त 2024

घिर आई बदरिया

-डॉ सुषमा त्रिपाठी -जून जुलाई 2024, वर्ष-1 अंक-3 घिर आई बदरिया सावन की। सावन की,मनभावन की।, घिर आई बदरिया सावन की। कारे-कारे बदरा जिया डरवावें।… Read More »घिर आई बदरिया