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विहंगम जून जुलाई 2024

घिर आई बदरिया

–डॉ सुषमा त्रिपाठी -जून जुलाई 2024, वर्ष-1 अंक-3 घिर आई बदरिया सावन की। सावन की,मनभावन की।, घिर आई बदरिया सावन की। कारे-कारे बदरा जिया डरवावें।… Read More »घिर आई बदरिया

श्यामल बदरी

-सीमा धवन, गाजियाबाद– जून जुलाई 2024, वर्ष-1 अंक-3 श्यामल बदरी नभ से क्षण-क्षण जल बरसाए।  रिमझिम -रिमझिम हँसकर अपने पास बुलाए।। मेघों नें प्रेमिल नीर अपरिमित… Read More »श्यामल बदरी

अपने तो बचेंगे ही नहीं

-एच. सी. बडोला ‘हरदा’ उत्तराखंड –जून जुलाई 2024, वर्ष-1 अंक-3 अपनों के सूखे जीवन को देख बादल बहुत दुःखी थे, सोचने लगे दुःख से निजात… Read More »अपने तो बचेंगे ही नहीं

सावन पर चंद सवैये।

-अभय कुमार “आनंद” जून जुलाई 2024, वर्ष-1 अंक-3 मुक्ताहरा सवैया हुआ तन जेठ यथा सजना,दृग सावन मास झड़े भरमार। बहा सब अंजन नैनन से,पग पायल मौन… Read More »सावन पर चंद सवैये।

बरसात की बूंद 

–श्रीकांत तैलंग जून जुलाई 2024, वर्ष-1 अंक-3 बारिश की पहली बूँद जो घटा बनकर आयी छा गयी खुशियाँ, हरियाली लायी माई ने आँगन में बाहें फैलायी… Read More »बरसात की बूंद 

त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

-शिव महिमा अपरंपार –शत्रुंजय तिवारी जून जुलाई 2024, वर्ष-1 अंक-3 तीर्थ यात्रा और देव दर्शन का महत्व व आनंद उस वक्त दुगुना हो जाता है,जब परिवार… Read More »त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग