छोटी काशी कवयित्री महाकुम्भ

छोटी काशी कवयित्री महाकुंभ: जब साहित्य रचेगा नया विश्व रिकॉर्ड #Chhoti Kashi Kaviyatri Mahakumbh
कपिलश फाउंडेशन (स्व. कपिल देव खरे स्मृति विश्व रिकॉर्डधारी संस्था) एक ऐतिहासिक, अनवरत और विलक्षण साहित्यिक आयोजन लेकर आ रही है —
✨ “छोटी काशी कवयित्री महाकुंभ”
यह महाकुंभ केवल एक कवयित्री सम्मेलन नहीं, बल्कि कविता की गंगा में अवगाहन का अविरल प्रवाह है — जहाँ कवयित्रियों की स्वर लहरियाँ 51 घंटे से अधिक अनवरत गूंजेंगी और एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेंगी।
# Chhoti Kashi Kaviyatri Mahakumbh
📍 आयोजन का स्वरूप:
📅 तिथि: 12 से 14 सितम्बर 2025
📍 स्थान: रॉयल लॉन, गोला गोकर्णनाथ (खीरी), उत्तर प्रदेश
⏱️ समय: लगातार (निरंतर) 51 घंटे से अधिक का काव्यपाठ — रात्रि-दिवस अविरल आयोजन
Chhoti Kashi Kaviyatri Mahakumbh
📝 काव्यपाठ की व्यवस्था:
प्रत्येक कवयित्री को काव्यपाठ के लिए न्यूनतम 5 मिनट और अधिकतम 20 मिनट का समय दिया जाएगा।
यदि कोई कवयित्री पुनः पाठ करना चाहती हैं, तो वे 24 घंटे के बाद दोबारा मंच पर आमंत्रित हो सकती हैं।
यह मंच सभी स्तर की कवयित्रियों के लिए खुला है — स्थापित, नवोदित, तथा पहली बार मंच पर आने वाली प्रतिभाओं के लिए भी।
🏆 विश्व रिकॉर्ड और सम्मान:
यह आयोजन The Book of World Records की निगरानी में दर्ज किया जाएगा। इस हेतु प्रत्येक प्रतिभागी को The Book of World Records की ओर से विशेष सम्मान किट प्रदान की जाएगी जिसमें शामिल हैं:
✅ फ्रेमयुक्त प्रमाणपत्र (Certificate)
✅ सम्मान मेडल
✅ बैच
✅ स्मृति कप
- ✅ The Book of World Records की आधिकारिक रिकॉर्ड किट
📌 सम्मान किट हेतु शुल्क: ₹999 (पंजीकरण के समय देय)
🌟 ब्रांड एंबेसडर:
हम गर्वपूर्वक घोषणा करते हैं कि इस आयोजन की प्रथम ब्रांड एंबेसडर होंगी —
राष्ट्रीय कवयित्री, सुमधुर स्वर की धनी, आदरणीया सुफलता त्रिपाठी जी, जिनका साथ इस आयोजन को गरिमा प्रदान करता है।
#Chhoti Kashi Kaviyatri Mahakumbh
📞 पंजीकरण कैसे करें?
पंजीकरण हेतु नीचे दिया गया फॉर्म भरें, आप प्रत्येक दिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक निम्नलिखित नंबर पर संपर्क कर सकते हैं:
📱 8853658140
पंजीकरण फॉर्म
नोट: कार्यक्रम में रहने और भोजन की सामान्य व्यवस्था नि:शुल्क है.
Kapilash Foundation परिचय
कपिलश फाउंडेशन की स्थापना लगभग वर्ष 2017 में हुई थी। यह लखीमपुर-खीरी के गोला–गोकर्णनाथ (छोटी काशी) स्थित एक विश्व-कीर्तिमानधारी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्थान है। संस्थापक अध्यक्ष शिप्रा खरे (उर्फ़ “श्रीजा”) हैं, जो स्वयं कवयित्री एवं साहित्यकार हैं। संस्था का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा व साहित्य का संवर्धन, स्थानीय प्रतिभाओं को व्यापक मंच प्रदान करना और सामाजिक कल्याण में योगदान करना है।
प्रमुख गतिविधियाँ
साहित्यिक आयोजन: कपिलश फाउंडेशन निरंतर कवि सम्मेलन, मुशायरा और काव्य महाकुंभ आयोजित करता है। उदाहरणस्वरूप, अप्रैल 2021 में संस्था ने ‘छोटी काशी’ गोला में 121 घंटे तक चले कवि-सम्मेलन (मुषायरा) का आयोजन किया livehindustan.com। इसी प्रकार 25 सितम्बर से 1 अक्टूबर 2024 तक 154 घंटे 16 मिनट 33 सेकण्ड का अखिल भारतीय कवि महाकुंभ चला, जिसमें देश के 14 राज्यों से 678 कवि-शायरों ने भाग लियाthebookofworldrecords.com के रिकॉर्ड को तोड़ा और नई विश्व कीर्तिमान स्थापित की।
प्रकाशन और अभिलेखन: फाउंडेशन की अपनी प्रकाशन इकाई “विहंगम” नामक त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका है , जिसकी प्रधान संपादक भी संस्थापक शिप्रा खरे हैं। इसके अंतर्गत हिंदी के नव-लेखकों और कवियों की रचनाएँ प्रकाशित की जाती हैं। कपिलश प्रकाशन ने कई काव्य-संग्रह और पुस्तकों का भी विमोचन किया है, जिनमें से कुछ ने विश्व कीर्तिमान भी बनाए हैं। उदाहरणतः कैप्टन अभय आनंद की ‘सुंदरकांड सवैया आनंदामृत’ नामक कृति को एकल छंद में रचित करने पर ‘द बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ (दुबई) ने विश्व कीर्तिमान घोषित किया।
प्रदर्शनी एवं कार्यक्रम: संस्था द्वारा नियमित रूप से पुस्तक प्रदर्शनियाँ और सांस्कृतिक मेलों में स्टॉल लगाकर स्थानीय पुस्तकों और रचनाकारों को प्रस्तुत किया जाता है। चैती मेले आदि अवसरों पर कपिलश की पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन होता है (जैसे ‘छोटी काशी मेले’ में) जिससे साहित्यिक जागरूकता बढ़ती है। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक कार्यों के लिए पुस्तकें और साहित्यिक सामग्री दान में दी जाती है।
सामाजिक पहल: कपिलश फाउंडेशन स्वास्थ्य एवं सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में भी सक्रिय है। संस्था के नाम पर ‘रघुनंदन प्रसाद खरे स्मृति सम्मान’ जैसी पहल संचालित हैं, जिसके तहत स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्ति सम्मानित होते हैं। वर्ष 2024 में इस सम्मान से डॉ. अनिल मिश्रा को अलंकृत किया गया। इसी प्रकार कला-साहित्य में योगदान के लिए विभिन्न स्मृति एवं सम्मान कार्यक्रम (जैसे ‘छोटी काशी की कलम सम्मान’, ‘कपिल देव खरे स्मृति सम्मान’ आदि) भी चलाए जाते हैं।
महिला सशक्तिकरण एवं साहित्य में योगदान
कपिलश फाउंडेशन महिलाओं के सशक्तिकरण को विशेष महत्व देता है। इसके उदाहरणस्वरूप ‘छोटी काशी कवयित्री महाकुंभ’ नामक आयोजन है, जो केवल महिला कवयित्रियों के लिए समर्पित एक ग्रंथमंथन है। सितम्बर 2025 में प्रस्तावित इस महाकुंभ में 51 घंटे से अधिक लगातार कवयत्रियों की कविताएँ गूँजेंगी, जिसका लक्ष्य नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करना है।
वर्षों से आयोजित कवि सम्मेलन में भी महिला कवियों की भागीदारी संवेदनशील होती रही है: 2024 के 154-घंटे के कव्यमहाकुम्भ में कुल 678 कवियों में लगभग 40% कवयित्रियाँ थीं, जिससे यह आयोजन समावेशी और सशक्तिकरणपूर्ण बन गया।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कपिलश फाउंडेशन महिला-प्रेरित कार्यक्रम भी आयोजित करता है। उदाहरणस्वरूप, संस्था द्वारा महिला दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण, उनके योगदान और इतिहास पर आधारित एक ज्ञानवर्धक क्विज़ आयोजित किया गया। इसमें सहभागी महिलाओं को जन-जागरूकता बढ़ाने का मंच मिलता है।
इसके अतिरिक्त, संस्था द्वारा महिलाओं के सम्मान एवं प्रोत्साहन के लिए ‘कपिलश साहित्य श्री सम्मान’ सहित अन्य सम्मान प्रदान किए जाते हैं। वर्ष 2024 में विश्व कीर्तिमान बनाने में योगदान देने वाली संस्था की टीम को भी ‘कपिलश साहित्य श्री’ सम्मान से सम्मानित किया गया।
उपलब्धियाँ और मान्यता
कपिलश फाउंडेशन की सबसे बड़ी उपलब्धियाँ इसके रिकॉर्ड-तोड़ आयोजनों और अन्तरराष्ट्रीय मान्यताओं से जुड़ी हैं। संस्था द्वारा आयोजित विश्व-कीर्तिमान कवि सम्मेलन एवं महाकुंभ को दो प्रतिष्ठित रिकॉर्ड बुक्स – Golden Book of World Records (USA) और The Book of World Records (Dubai) – द्वारा सत्यापित एवं मान्यता प्राप्त हुईthebookofworldrecords.com। 154 घंटे तक चले कव्यमहाकुंभ में (सितम्बर 2024) Golden Book एवं Book of World Records दोनों ने लाइव मॉनिटरिंग की और प्रमाणित रिकॉर्ड जारी किया। आयोजन के 128 घंटे पूरे होने पर Kapilash की अध्यक्ष शिप्रा खरे को दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
इसके अतिरिक्त, कपिलश की साहित्यिक पहलें भी सराही गई हैं। वर्ष 2024 में आयोजित सातवें वार्षिकोत्सव समारोह में राज्य सूचना आयुक्त डॉ. दिलीप अग्निहोत्री ने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में संस्था के योगदान की खुले दिल से प्रशंसा की। संस्थापक शिप्रा खरे तथा संगठन के अन्य सदस्यों को सफलता, समर्पण और रचनात्मकता के लिए सम्मानित किया गया। कपिलश फाउंडेशन के माध्यम से प्रकाशित कई रचनाओं और कार्यक्रमों को भी श्रेय मिल चुका है, जिससे यह हिंदी साहित्य के प्रसार में एक सक्रिय संस्था के रूप में पहचानी जाती है thebookofworldrecords.com।
संस्थापक एवं नेतृत्व
संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती शिप्रा खरे (श्रीजा) ने कपिलश फाउंडेशन को नेतृत्व दिया है। वह स्वयं कवयित्री एवं लेखक हैं और ‘विहंगम’ पत्रिका की प्रधान संपादक हैं। महासचिव जय किशन ‘जय’, उपाध्यक्ष साधना अग्रवाल ‘साधिका’ संयोजक यतीश शुक्ला, श्रीकान्त तिवारी कान्त, रेखा बोरा, रविसुत शुक्ल, प्रदेश संयोजक अनूप त्रिपाठी जैसे साहित्यप्रेमी टीम के सहयोग से शिप्रा खरे ने संस्था को राष्ट्रीय मंच पर स्थापित किया है। उनके मार्गदर्शन में कपिलश फाउंडेशन ने महिला सशक्तिकरण, साहित्यिक आयोजन और सामाजिक जन-जागरूकता को एक साथ उठाया है, जिसे विश्व-कीर्तिमान कार्यक्रमों द्वारा भी मान्यता मिली है thebookofworldrecords.com।