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कपिलश

    विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2

    1-

    रवि सुत,शिप्रा,बेधड़क,डॉक्टर वेद प्रकाश।

    कन्त ,सन्त ,संग द्वारिका, नन्दी लाल निराश।।

    शलभ शिखर को छू रहे, शुक्ला चन्द्र यतीश।

    कपिलश तुम्हीं सम्हालिए गोला भोला ईश।।

    2-

    नानक नाम जहाज है, धुरिया जग का केंद्र।

    रमाकान्त हैं चौधरी, मंजुल श्याम मुनेन्द्र।।

    है गौरव रजनीश का, संग खड़े अरुणेश।

    कपिलश की गाथा लिखें, विश्व ,देश, बिरजेश।।

    छांदकार , शशिकान्त से मुरलीधर, अन्जान।

    कपिलश की गाथा अमर ,करने का है प्लान।।

    विश्म्भर,नीरव ,मनुज,करने कविता दान।

    धन्य धन्य कपिलश हुआ, गोला ,रॉयल लान।।

    -श्रीकान्त तिवारी कान्त

    गोला खीरी यूपी