–भॅवरलाल कुमावत (स्टेट अवार्ड टीचर)
प्रधानाध्यापक
मातु श्रीमती रूकमाबाई रणछोड़ सिंह राजपुरोहित राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय,
मोहराई, राजस्थान।
विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2
सूरज के निकलते ही धरती आग के गोले की तरह तपने लग रही है। सड़कें, गलियां सब वीरान नजर आने लग रही हैं। लोग गर्म लू के थपेड़ों से चेहरे को छिपाकर निकल रहे हैं । चारों ओर हीट वेव से हाहाकार मच रहा है। एसी कूलर सब विलासिता की वस्तुएं भी इस गर्मी में जवाब दे चुकी हैं। इस बढ़ते तापमान से मानव जीवन बेहाल हो रहा है।
प्रकृति के इस रौद्र रुप के सामने हर प्राणी लाचार हो गया है।अस्पताल में लू, तापघात से मरीजों की तादाद बढ़ रही है। बेचारे मूक प्राणी पशु, पक्षी भी इस मानव निर्मित आपदा से हाल बेहाल होकर बेहोश हो रहे हैं। मानव के तुच्छ आलसी प्रवृत्ति एवं निजी स्वार्थ के कारण ही प्रकृति की विनाश लीला ताण्डव मचा रही है।उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक मानव द्वारा अपने सुख के लिए प्रकृति के साथ खिलवाड़ करके धरा के सौन्दर्य का हरण किया जा रहा है। लम्बे-चौड़े हाईवे निर्माण में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से वातावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
आज के इस भौतिकवादी युग मे इंसान अपने ऐशो आराम के लिए एसी, फ्रीज, गीजर, कूलर को ज्यादा बढ़ावा दे रहा है जो स्वयं के लिए ही घातक सिद्ध हो रहा है। इनके दुष्प्रभाव से ही कार्बन टेट्राक्लोराईड(CCl4), सल्फर मोनोआक्साइड(SO), कार्बनमोनोआक्साइड(CO), क्लोरोफ्लोरो कार्बन(CFC)आदि प्राणघातक एव हानिकारक विकिरणों वाली गैसों के उत्सर्जन से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है और तापमान अचानक 39°C से बढकर 51°C तक हो रहा है। पर्यावरण प्रदूषण एवं कार्बन उत्सर्जन से इस भूमण्डल पर प्राकृतिक आपदाएं चारों तरफ से बढ़ने लगी हैं।इस पृथ्वी पर जीवन को बचाने का अब एक ही रास्ता बचा है वो है ज्यादा से ज्यादा पेड़ -पौधे लगाए जाएं। केवल सरकारों एवं विभागों के भरोसे बैठे न रहकर प्रत्येक मनुष्य को हर वर्ष कम से कम चार पेड़ लगाकर उनकी पूरी देखभाल कर उसको बड़े वृक्ष बनाने का पूरा जिम्मा लेना होगा तभी प्राकृतिक संतुलन सही होगा।
आओ हम सब भारतवासी आज ही यह संकल्प लें कि सभी मिलकर इस वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनाएंगे पूरे तन-मन से न कि सेल्फी विथ ट्री की लोक दिखावटी स्टेट्स सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लगाकर वृक्षारोपण करें।भावी जीवन व आने वाली संतति को बचाने के लिए पेड़ ही मुख्य आधार हैं।इसलिए हर घर, परिवार, समाज के सभी सदस्य मिलकर ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण कर अपना अमूल्य योगदान देकर पर्यावरण की रक्षा करें।