-गरिमा लखनवी
विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2
प्रकृति कुछ कहना चाहती है मुझसे,
हवा की सरसराहट,
पक्षियों की चहचहाहट,
नदियों का शोर,
बारिश का उल्लास वातावरण,
मेरे मन को प्रफुल्लित करता है,
ऐसा लगता है मानो प्रकृति कुछ कहना चाहती हो मुझसे,
बारिश की बूंद से बातें करने का मन करता है ,
चांदनी रात का मदमस्त वातावरण,
मुझसे बातें करता है,
चांदनी की शीतलता मुझे सुकून देती हैं,
सूरज का ताप हमेशा हौसला देता है,
प्रकृति ने बहुत कुछ सिखाया है हमको,
नदियों ने शांत रहना सिखाया है हमको,
हवा ने मधुरता सिखायी है हमको,
तूफानों ने लड़ना सिखाया है हमको,
प्रकृति बहुत कुछ सिखाती है हमको,
प्रकृति और जीवन में बहुत समानता है,
प्रकृति हमें लड़ना सिखाती हैं,
प्रकृति जीवन हमें जीना सिखाती हैं।