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पर्यावरण, हमारी प्राथमिकता

    द्वारिका प्रसाद रस्तोगी

    वरिष्ठ साहित्यकार एवं समाजसेवी

    गोला गोकर्णनाथ, खीरी

    विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2

    वृक्ष सदा से दाता होते देते हमको निधि महान

    इसकी सेवा से नर पाते पीढ़ी दर पीढ़ी अनुदान…

    कल्पवृक्ष बन पूरी करते इच्छा हर इंसान की

    फिर भी काट रहे पेड़ों को चिंता नहीं जहान की

    जंगल नदी पहाड़ गांव से,बढ़ती धरा की शान है

    आश्रय पाकर पशु पक्षी भी छेड़ें मीठी तान है

    पर्यावरण प्रदूषण द्वारा लेते धरा कि हम हैं जान….

    मोक्षदायिनी गंगा तक को हमने दूषित कर डाला

    जंगल औरपहाड़ काट धरा पर तांडव कर डाला

    पेड़ों की कीमत पर हमने नगर के नगर बसा डाले

    कुंए ताल से जल स्रोतों पर हमने ही डाले ताले

    भटके प्राण वायु की खातिर हैखतरे में आई जान…

    तापमान बढ़ गया धरा का दूषित जल पीने वाला

    संकट में है जीव जंतु सब सब को खतरे में डाला

    तप्त धरा की गर्मी को हरियाली से लाभ दिलाएं

    मिलकरसारे पेड़ लगाएं और धरा की शान बढ़ाएं

    पर्यावरण प्रदूषण रोकें बुद्ध बनें दे फिर से ज्ञान..