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सूक्ष्म चिंतन

    सूक्ष्म लता महाजन
    नैचुरोपैथ और लाइफ कोच,  नोएडा

    विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2

    आज भीषण गर्मी के चलते हर व्यक्ति परेशान है और बढ़ चढ़ कर पौधे लगाने की बात सभी कर रहे हैं।यही समय है अपने संकल्पों को चरितार्थ करने का।
    आप बारिश आने से पहले ही अपने हिसाब से कुछ गमले तैयार कर लें और बारिश शुरु होते ही  किसी भी अचछी नर्सरी से पौधे लेकर उन्हें लगा लें।
    पौधे जो सबके घर में होने ही चाहिये….
    १.तुलसी   २.अमरूद   ३.पुदीना
    ४.कडी पत्ता ५.नीम     ६.पीपल
    ७.जामुन   ८.गिलोय
    ये सभी पौधे बहुत आसानी से मिल जाते हैं और अधिक मेहनत भी नहीं माँगते।ये वातावरण को तो स्वस्थ करते ही हैं, घर में शुचिता व सकारात्मकता भी लाते हैं।
    हरियाली के साथ साथ इनकी पत्तियों के सेवन से हमारा शरीर विष मुक्त भी होता है जिससे हम हमेशा स्वस्थ रहते हैं और बीमारी से दूर रहते हैं।
    सुबह सुबह हम इन में से किनहीं दो पौधों की २-३ पत्तियों का भी सेवन कर लें तो अनेक बीमारियों से बच सकते हैं।

    तुलसी का पौधा तो चौबीस घंटे आँकसीजन छोड़ता है और इसकी पत्तियों को अमृत समान माना गया है। हर पूजा अनुष्ठान में इसका प्रयोग होता है। इसकी पूजा हर घर आँगन में नित्य
    की जाती है। कहते हैं जहां तुलसी का पौधा हो वहाँ नकारात्मक शक्तियाँ स्वयं ही समाप्त हो जाती हैं।
    चरणामृत में तुलसी दल डालने से वह शुचित व पौषक हो जाता है।
    नीम का पौधा तो रोग नाशक होता है।
    किसी भी प्रकार के किटाणु हों उनका शमन करता है।
    पहले गाँव देहात में लोग नीम और पीपल के पेड़ के नीचे ज्येष्ठ की दुपहरिया भी आराम से निकाल लेते थे।इसका पौधा भी गमले में बड़े आराम से लग जाता है।
    अमरूद का पौधा पेट से संबंधित समस्याओं में अत्यंत उपयोगी होता है।
    अगर दस्त लगे हों तो इसकी दो की पत्तियों को चबाने  से ठीक हो। जाते हैं। हफ़्ते में एक दो बार भी इसकी पत्तियाँ चबा लें तो पेट संबंधी समस्याएँ होती ही नहीं।
    अमरूद का पौधा बहुत जल्दी बढ़ता है और हरियाली प्रदान कर ख़ुशी तो देता ही है।उचित देखभाल से फल भी मिल जाते हैं।इससे प्राप्त ख़ुशी का कोई और विकल्प है ही नहीं।
    गिलोय
    गिलोय को अमृता भी कहा जाता है अगर यह एक बार लग जाये तो कभी समाप्त ही नहीं होती।करोना काल में हम सब ने इसका महत्व जाना है। यह शरीर मे  रोग प्रतिरोधीतमक क्षमता को बढ़ा कर सशक्त करती है। शरीर में शक्ति का संवर्धन व संचयन करने में सहायक होती है। रक्त को शुद्ध करती है।

    इसलिए पौधे लगायें धरा बचायें।
    पौधे सबसे अच्छे साथी एवं मित्र होते हैं। आपके पौधों को सबसे ज़्यादा आपका सानिध्य चाहिए होता है। इनके पास जायें, आप जितने तरो ताज़ा हो जायेगे आपके पौधे उससे कई गुणा अधिक प्रफुल्लित होगे। यह दोनों पक्षों के लिए ही जीवनामृत की तरह कार्य करेगा।

    पौधों से बेहतर और कोई साथी हो ही नहीं सकता, इनके महत्व को समझें और इन्हें अपना साथी बनायें।

                                               – सूक्ष्म लता महाजन