-कविन्द्र उपाध्याय
विहंगम, अप्रैल-मई 2024, वर्ष-1 अंक-2
इस धरा का ये उत्सव,
आओ मनाएं वन महोत्सव,
हरियाली को फैलाएं हम सब,
खुशहाली को बढ़ाएं हम सब,
वृक्षारोपण का ये अभियान,
बन जाएं हम सब का अभिमान,
हवा पानी हो शुद्ध हमारी,
वन बचाने की है जिम्मेदारी,
वनों को अग्नि से बचाना है,
ये फ़र्ज़ हम सबको निभाना है,
वनों की रक्षा का ये मन्त्र,
हम सबको अब अपनाना है,
तभी ये उत्सव होगा महोत्सव,
आओ मनाएं वन महोत्सव।।